जब जंगल का भेड़िया बना गांव का आतंक तब सामने आया एक योगी

अजमल शाह
अजमल शाह

कभी जंगलों में गूंजती थी भेड़ियों की डरावनी हुआँ-हुआँ… अब वही गूंज गांवों में मातम बनकर छा रही है। बहराइच के ग्रामीण इलाकों में नरभक्षी भेड़िए के कहर से दहशत का माहौल है। लेकिन डरिए मत! अब मैदान में उतरे हैं ‘ठोंको नीति’ वाले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ।

भेड़िया नहीं सुधरा, तो

CM योगी खुद पहुंच गए भेड़िया-प्रभावित इलाकों में। पीड़ित परिवारों से मुलाकात की, सांतवना दी और साथ में दे डाला करारा आदेश – “अगर जिंदा पकड़ा नहीं गया तो मारा जाएगा, और कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं!”

लहजा सख्त, आंखों में गुस्सा और फाइलों में 21 टास्क फोर्स। पुलिस, वन विभाग, लोकल इंटेलिजेंस – सभी को लगाया गया है ‘ऑपरेशन भेड़िया’ पर।

“जंगल से निपटेंगे भी… और घर भी बनाएंगे” – डबल एक्शन प्लान

सीएम योगी सिर्फ भेड़िए पर नहीं, बल्कि पक्के मकान, शौचालय और दरवाजे की कमी पर भी जमकर बरसे। बोले:

“जिनके घर में दरवाज़ा नहीं है, वहां भेड़िया क्या, कोई भी घुस सकता है!”

तुरंत राहत पैकेज, आवास योजना, और टॉयलेट मिशन का ऐलान। गांववालों की मानें तो – “पहली बार किसी नेता ने हमारे दरवाज़ों तक की चिंता की है!”

21 टास्क फोर्स, नाइट पेट्रोलिंग और ‘ऑपरेशन हाउलिंग हंटर’

भेड़िए को पकड़ने के लिए टाइगर ज़ोन जैसी पेट्रोलिंग हो रही है। हेलमेट से लेकर ट्रैंक्विलाइज़र तक… सब एक्टिव मोड में हैं। वन विभाग + पुलिस + ग्रामीण = मिशन एक: “भेड़िए को पकड़ो, गांव बचाओ”

भेड़िया हो या लापरवाह अधिकारी – कोई नहीं बचेगा!

CM का एक्शन मोड देखकर एक बात तो साफ है – “अब भेड़िए को जंगल में शरण नहीं मिलेगी, और अफसरों को लापरवाही में!”

“फौजी का प्लॉट, पुलिस की घेराबंदी – ‘देश के रक्षक’ अब बन गए ‘न्याय के याचक’!”

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